आज शहादत दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि !
बिरसा मुंडा(1875-1900ई.)
आज शहादत दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि !
झारखण्ड के राँची जिले के एक छोटे-से गाँव में 1875 ई. में एक आदिवासी परिवार में जन्में, 19-20वीं सदी में आदिवासियों के महानायक और प्रसिद्द स्वतन्त्रता सेनानी, जिन्हें आज भी आदिवासी जनता, 'भगवान बिरसा मुंडा' के नाम से पूजती है...जिन्होंने सामन्तों, पूँजीपतियों के शोषण के विरोध के साथ-साथ अंग्रेजी हुकूमत की नाइंसाफी के खिलाफ अलख जगाई थी ; वह बिरसा मुंडा आज ही के दिन शहीद हुए थे ।
माना आज बिरसा नहीं हैं...पर वे लोगों के दिलों में, उनके विचारों में, उनकी यादों में, उनके लोक-गीतों में, लोक-साहित्य में आज भी जिन्दा हैं ।
उनकी शहादत को...'शत्-शत् नमन्' !
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