नाम बेन स्टोक्स...काम... वर्ल्ड कप जीतना...! जिस खिलाड़ी ने 2-2 वर्ल्ड कप इंग्लैंड के नाम लिख दिए,

नाम बेन स्टोक्स...काम... वर्ल्ड कप जीतना...! जिस खिलाड़ी ने 2-2 वर्ल्ड कप इंग्लैंड के नाम लिख दिए, उसका सफर आंसुओं से शुरू हुआ था। 2 साल पहले पिता के निधन के बाद हालात ऐसे थे कि स्टोक्स को क्रिकेट से नफरत हो गई थी। उन्हें लगने लगा था कि इसी खेल की वजह से मैं पिता के साथ वक्त नहीं बिता सका । स्टोक्स भयंकर डिप्रेशन के शिकार हो गए। वह किसी से मिलना नहीं चाहते थे। मानो अकेलापन इस चैंपियन खिलाड़ी की नियति बन गया हो। आज स्टोक्स से बड़ा ऑलराउंडर पूरी दुनिया में नहीं है लेकिन 6 साल पहले उनसे बड़ा विलेन भी दूसरा कोई नहीं था। क्रिकेट... कमबख्त इसे अनिश्चितताओं का खेल यूं ही नहीं कहते हैं।

तारीख थी- 3 अप्रैल 2016 और मैदान था कोलकाता का ईडन गार्डंस। टी-20 वर्ल्ड कप का फाइनल खेला जा रहा था। इंग्लैंड को वर्ल्ड कप जीतने के लिए 6 बॉल में 19 रन बचाने थे। टूर्नामेंट में 4 विकेट लेने वाले इंग्लिश गेंदबाज को कप्तान ने गेंद सौंपी। सामने थे वेस्टइंडीज के नए नवेले बल्लेबाज कार्लोस ब्रैथवेट। सबको लगा कि स्टोक्स आसानी से इंग्लैंड को जिता देंगे। ब्रैथवेट ने लगातार 4 गेंदों पर 4 छक्के लगाए और मैच खत्म। गेंदबाज हताश, वो मैदान में सिर पकड़ कर बैठ गया। टीम के बाकी प्लेयर्स उसे संभालने लगे। वर्ल्ड कप इंग्लैंड के हाथों से फिसल चुका था। इंग्लैंड के खेमे में हर तरफ आंसुओं का सैलाब था। कई क्रिकेट पंडितों ने कह दिया कि T-20 क्रिकेट में स्टोक्स का भी वही हाल होगा, जो युवी के 6 छक्कों के बाद स्टुअर्ट ब्रॉड का हुआ था। 

अब बात 6 साल बाद की। तारीख 13 नवंबर 2022 और मैदान मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड। मौका फिर टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल का था। 138 रन के टारगेट का पीछा करने में इंग्लैंड ने चौथे ही ओवर में 2 विकेट गंवा दिए। टूर्नामेंट में कुल 58 रन बनाने वाले बैटर को क्रीज पर भेजा गया। बैटर ने 49 बॉल पर 52 रन की नॉट आउट पारी खेली और टीम को वर्ल्ड कप दिला दिया। 2016 में फाइनल हारने वाली टीम ने 6 साल बाद बाजी पलटी और अब वो डबल वर्ल्ड चैंपियन है। मतलब एक ही वक्त में उसके पास वनडे वर्ल्ड कप और टी-20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी है। इंग्लैंड से पहले क्रिकेट इतिहास में कोई टीम ऐसा नहीं कर सकी थी। 6 साल पहले जो गेंदबाज 6 बॉल पर 19 रन नहीं बचा सका था, उसी प्लेयर ने इस बार के फाइनल में 52 रन की नॉट आउट पारी खेल कर विनिंग शॉट जमाया। यह कोई परी कथा नहीं है बल्कि बेन स्टोक्स की जिंदगी की हकीकत है।

2016 में हार के बाद निराश बेन स्टोक्स ने कैसे खुद को मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाया। कैसे स्टोक्स ने इंग्लैंड को 2019 में 50 ओवर का वर्ल्ड कप की ट्रॉफी, 2019 में एशेज के हेडिंग्ले टेस्ट में चमत्कारिक जीत और अब 2022 में टी-20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दिलाई। यह सब आज लेखनबाजी आपको बताएगा। वादा है कि यह सब कहीं और नहीं मिलेगा। तो कलेजा थाम कर पढ़ना शुरू करिए। पोस्ट थोड़ा बड़ा है लेकिन बहुत मजा आएगा। मोटिवेशन तो इतना मिलेगा कि मत पूछिए।

इंग्लैंड में 2019 का वनडे वर्ल्ड कप खेला गया। 14 जुलाई को लॉर्ड्स के मैदान पर न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच फाइनल शुरू हुआ। न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 241 रन बनाए। 242 रन के टारगेट का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने 20वें ओवर में 71 रन पर 3 विकेट गंवा दिए। 5वें नंबर पर बेन स्टोक्स बैटिंग करने उतरे। मैच फिर आखिरी ओवर में फंसा। इंग्लैंड को जीत के लिए आखिरी 6 बॉल पर 15 रन की जरूरत। ट्रेंट बोल्ट के ओवर की पहली 2 गेंद डॉट खेलने के बाद स्टोक्स ने तीसरी बॉल पर छक्का जड़ दिया। चौथी बॉल पर ओवरथ्रो से 6 रन आ गए। अब 2 बॉल पर 3 रन की जरूरत। इंग्लैंड 2 ही रन बना सका और मैच टाई हो गया।

रिजल्ट निकालने के लिए सुपर ओवर तक बात गई। इंग्लैंड ने सुपर ओवर की 6 बॉल पर 15 रन बनाए। इसमें स्टोक्स के 9 रन शामिल थे। न्यूजीलैंड ने भी 6 बॉल पर 15 रन बना लिए। लेकिन, ICC के बाउंड्री काउंट रूल के आधार पर इंग्लैंड ने मैच जीत लिया। फाइनल में 84 रन की नॉट आउट पारी और सुपर ओवर में 9 रन बनाने वाले स्टोक्स इंग्लैंड के लिए स्टार बन गए। 

2019 का वनडे वर्ल्ड कप जीतने के बाद अगले ही महीने इंग्लैंड में एशेज सीरीज शुरू हुई। 5 टेस्ट मैच की सीरीज का पहला टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने जीता। दूसरा टेस्ट ड्रॉ रहा। तीसरा टेस्ट हेडिंग्ले में खेला गया। ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी में 179 रन के सामने इंग्लैंड 67 रन पर ऑल आउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने सेकेंड इनिंग्स में 246 रन बनाकर इंग्लैंड को 359 रन का टारगेट दिया। इंग्लैंड ने 141 रन पर 3 विकेट गंवा दिए। बेन स्टोक्स बैटिंग करने आए। वह एक एंड पर टिके थे, लेकिन 286 रन तक इंग्लैंड ने 9वां विकेट भी गंवा दिया। अब 73 रन की जरूरत और स्टोक्स के साथ स्पिनर जैक लीच लास्ट बैटर के रूप में खड़े थे।

यहां से इंग्लैंड की जीत बहुत मुश्किल लग रही थी, लेकिन स्टोक्स ने आखिरी विकेट के लिए 62 बॉल पर 76 रन की पार्टनरशिप कर इंग्लैंड को हारता मैच जिता दिया। सीरीज 1-1 से बराबर हो गई। सीरीज का चौथा टेस्ट ऑस्ट्रेलिया और पांचवां टेस्ट इंग्लैंड ने जीता। इस तरह सीरीज 2-2 से ड्रॉ रही। T-20, वनडे और टेस्ट में एक जैसा चैंपियन वाला प्रदर्शन। दुनिया की किसी भी टीम में किसी भी समय शायद ही कभी कोई ऐसा तगड़ा ऑलराउंडर आया। जिसने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अपनी टीम को अकेले दम पर मुकाबला जिताया।

2020 में स्टोक्स कुछ महीनों के लिए क्रिकेट से दूर हो गए। तब उनके पिता जेड स्टोक्स ब्रेन कैंसर से जूझ रहे थे। इसी साल उनके पिता की मौत हो गई और स्टोक्स डिप्रेशन में चले गए। महीनों तक स्टोक्स और क्रिकेट का नाता टूट गया। वह जुलाई 2021 में लौटे और इंग्लिश वनडे टीम की कमान संभाली, लेकिन मेंटल हेल्थ को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अगस्त में क्रिकेट से ब्रेक ले लिया। स्टोक्स ने अपनी बायोपिक 'बेन स्टोक्स: फीनिक्स फ्रॉम द एशेज' फिल्म में डिप्रेशन का जिक्र किया है। स्टोक्स ने कहा- पिता ने ही क्रिकेट और स्पोर्ट्स के लिए इंस्पायर किया। उनके जाने के बाद वह डिप्रेशन में चले गए। इससे उबरने के लिए क्रिकेट से ब्रेक जरूरी था। स्टोक्स यह सोचकर टूट गए थे कि जब उनके पिता को उनक सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब वह क्रिकेट के मैदान पर थे। 

पिता जेड स्टोक्स रग्बी प्लेयर थे। 1980 में एक टूर्नामेंट के दौरान उनकी मिडिल फिंगर टूट गई थी। उंगली टूटने के बाद भी वह रग्बी खेलते रहे थे। इसलिए तो मुश्किल हालात में संघर्ष बेन स्टोक्स के खून में है। पिता की मृत्यु के बाद स्टोक्स अक्सर सेंचुरी मारने या मैच जीतने के बाद हाथ ऊपर कर सेलिब्रेट करते हैं। स्टोक्स इस सेलिब्रेशन से पिता को याद करते हैं। मेंटल हेल्थ ब्रेक के बाद स्टोक्स दिसंबर 2021 में एशेज खेलने लौटे। 4 महीने बाद इंग्लैंड जो रूट ने टेस्ट से कप्तानी छोड़ दी। स्टोक्स को नया कप्तान बनाया गया। टेस्ट कप्तानी मिलने के बाद स्टोक्स ने जुलाई 2022 में वनडे से रिटायरमेंट ले लिया। वह लगातार हो रहे क्रिकेट से परेशान थे।

2011 में इंग्लैंड के लिए टी-20 इंटरनेशनल में डेब्यू करने वाले बेन स्टोक्स ने पहला टी-20 वर्ल्ड कप 2016 में खेला। फाइनल से पहले वर्ल्ड कप के 5 मैच में स्टोक्स ने 4 ही विकेट लिए थे। उन्हें आखिरी ओवर में 19 रन डिफेंड करने के लिए गेंद दी गई, लेकिन ओवर की शुरुआती 4 गेंदों पर 4 छक्के लगाकर विंडीज के कार्लोस ब्रैथवेट ने मैच खत्म कर दिया। तब 25 साल के युवा स्टोक्स खुद से निराश नजर आ रहे थे। उन्हें टीम के बाकी खिलाड़ियों ने संभाला। ट्रॉफी सेरेमनी के दौरान भी वह भावुक थे। 2016 में ब्रैथवेट के 4 छक्कों को याद करते हुए स्टोक्स ने 2022 वर्ल्ड कप से पहले कहा था-फाइनल में हार से मैं निराश था। लेकिन, उस हार ने मुझे कभी क्रिकेट से दूर नहीं किया। उस मैच ने हमेशा ही मुझे जीवन और क्रिकेट में बेहतर करने के लिए मोटिवेट किया।

2016 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में आखिरी ओवर के बाद स्टोक्स ने 2021 का वर्ल्ड कप नहीं खेला। वे इंजरी के चलते बाहर हो गए। 2022 टी-20 वर्ल्ड कप के लिए इंग्लैंड की टीम में उन्हें चुना गया। फाइनल से पहले टूर्नामेंट के 5 मैचों में वह महज 58 रन बना सके थे। लेकिन, श्रीलंका के खिलाफ सुपर-12 स्टेज के इम्पॉर्टेंट मैच में उन्होंने 42 रन की नॉट आउट पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई थी। इससे उनका कॉन्फिडेंस बढ़ा था।

सेमीफाइनल में उनकी बैटिंग नहीं आई। फाइनल में पावरप्ले के चौथे ही ओवर में उन्हें क्रीज पर आना पड़ गया। वह पाकिस्तानी गेंदबाजों के सामने आखिर तक टिके रहे। उन्होंने पहले हैरी ब्रूक के साथ 42 बॉल पर 39 रन और फिर मोईन अली के साथ 33 बॉल पर 47 रन की पार्टनरशिप की। मोहम्मद वसीम की फुलर लेंथ बॉल पर विनिंग शॉट मारकर स्टोक्स ने ही इंग्लैंड को दूसरी बार टी-20 क्रिकेट का वर्ल्ड चैंपियन बनाया।

2016 के वर्ल्ड कप फाइनल में भले ही स्टोक्स टीम को जीत नहीं दिला सके, लेकिन 2019 और 2022 वर्ल्ड कप के फाइनल में स्टोक्स ही आखिरी बॉल तक खड़े रहे और टीम की ICC ट्रॉफी का सूखा खत्म किया। ऐसे में उन्हें 'प्लेयर ऑफ द वर्ल्ड कप्स' भी कहा जा सकता है। यानी बड़े मैच का बड़ा खिलाड़ी...! जो हर विरोधी टीम पर भारी।

जिसके खेल से विरोधियों को लगता है हर बार डर
आज तक दुनिया ने न देखा स्टोक्स सा ऑलराउंडर ❤️

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