तीन बेटो की मौत और चौथा में भी बीमारी के लक्षण
10 साल में 15लाख रुपए का कर्जा कर भी अपने तीन जवान बेटों को नहीं बचा पाया एक किसान जी हां यह वाकया है ग्राम पंचायत करीरी की ढाणी बांकली का किसान सरदार मल गुर्जर जिन के 5 पुत्र थे मदन, दुर्गा प्रसाद, संता राम, गिरधारी लाल, और राजेंद्र गुर्जर लगभग सन् 2010 में दूसरे नंबर के पुत्र दुर्गा प्रसाद के शरीर में इस असाध्य बीमारी का प्रवेश हुआ पिता सरदार मल गुर्जर ने आसपास की राजकीय एवं निजीचिकित्सालय में दिखाया जहां से उनको टीवी घोषित कर दी गई टीवी रोग की पूरी तरह से डॉट्स लिए गए लेकिन फिर भी कोई उचित सुधार नहीं हुआ उसके बाद आसपास एवं दूर-दराज के धार्मिक स्थलों के साथ-साथ दवाइयां भी चालू रखी आसपास में ऐसा कोई दवा खाना आयुर्वेदिक चिकित्सालय नहीं जहां पर पिता सरदार मल गुर्जर ने अपनी बेटे को इलाज के लिए नहीं लेकर गया हो लगभग चार पांच साल इलाज के उपरांत 2015 में दुर्गा प्रसाद की असामयिक मौत हो गई तथा उसके बाद तीसरे नंबर के पुत्र संता राम गुर्जर के बीमारी के लक्षण दिखाई देने लग गए तथा जिस प्रकार से दुर्गा प्रसाद को दिखाया गया उसी प्रकार से पुत्र संता राम गुर्जर को भी किसान सरदारमल गुर्जर ने ऐसी कोई जगह नहीं बची जहां उन्हें दिखाया नहीं गया 3 साल इलाज के उपरांत * 30 जनवरी 2018 को संता राम गुर्जर की भी असामयिक मौत हो गई उसके बाद प्रथम नंबर का पुत्र मदन लाल गुर्जर बीमार रहने लग गया जिसकी दो-तीन साल इलाज के दौरान 28 मई 2020 को असामयिक मौत हो गई दोस्तों एक ऐसा पिता जिन्होंने अपने तीन तीन जवान बेटों की मौत अपनी आंखों के सामने देखी हो भला उस माता-पिता में क्या गुजर रही होगी यह तो वह स्वयं ही जाने अब इस परिवार में कुल 13 सदस्य बचे हैं जिसमें दो विधवा बहू, माता पिता, दो बाकी बचे पुत्र, तथा बच्चे अब उनकी समस्या यह है कि परिवार में कोई भी कमाई का स्रोत नहीं है परिवार में राशन कार्ड बीपीएल में नहीं है ना कोई सरकारी सुविधा का लाभ परिवार को मिल रहा है नाही इंदिरा आवास योजना का लाभ परिवार को मिला है और पांचवें नंबर के पुत्र राजेंद्र गुर्जर को भी उसी प्रकार की बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगे हैं परिवार पूरी तरह से भयभीत हैं पिता सरदार मल गुर्जर की तो यह हालत है कि कहीं तीन बेटों की जान चली जाने के बाद बाकी बचे सदस्यों भी सही सलामत रह पाएंगे या नहीं यह चिंता उनको रात दिन सता रही है घर में खाने के लाले पड़े हुए हैं कोरोना जैसी इस महा त्रासदी में अब उस परिवार की क्या हालत रही हो
दुखद घटना
जवाब देंहटाएं